विवाह
संभावना
रिपोर्ट
२०२४
देवदत्त
2012-01-01 22:50
Jammu,Jammu,Jammu and Kashmir,India
सूची
सूची | टाइटल/ शीर्षक |
---|---|
1 | आपके प्रश्न का उत्तर |
2 | आपकी कुंडली की मुख्य विशेषताएं |
3 | आपकी कुंडली में विवाह के योग ? |
A.आपका वैवाहिक जीवन कैसा होगा | |
4 | आपके जीवनसाथी का सौंदर्य और स्वभाव |
A. आपके जीवनसाथी का स्वभाव | |
B. आपके जीवनसाथी का सौंदर्य | |
5 | अरेंज मैरिज या लव मैरिज |
A. लव मैरिज हां/ना | |
B. विवाह का अपेक्षित समय | |
6 | रत्न संबंधी उपाय |
7 | जन्म विवरण |
8 | कुंडली विवरण |
9 | लग्न कुंडली |
10 | चंद्र कुंडली |
11 | नवमांश कुंडली |
12 | विमशोत्तरी महा दशा & अंतर दशा समय |
आपके प्रश्न का उत्तर
प्रिय देवदत्त, आपके प्रश्न के उत्तर में बताना चाहूंगी कि आपका विवाह होने की एक प्रबल संभावना इस वर्ष दिखाई देती है, जब राशि से ग्यारहवें बृहस्पति आपके व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
आपकी जन्म पत्रिका के सप्तम भाव के स्वामी की पंचम भाव में स्थिति इस संभावना को भी दर्शाती है कि संभव है आपका प्रेम विवाह हो अथवा अंतरजातीय विवाह हो। किसी भी स्थिति में आपको अपने परिवार के सदस्यों के विपरीत जाकर विवाह नहीं करना चाहिए, तथा अपने माता-पिता की सलाह और सहमति अवश्य लेनी चाहिए।
आपके विवाह में देरी का कारण आपके सप्तम भाव के स्वामी शनि का अस्त होना तथा अष्टम भाव में मंगल की स्थिति जो कि मांगलिक दोष बनाती है,अतः लाभ के लिए आपको भगवान श्री शिव और हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए।
आपकी कुंडली की मुख्य विशेषताएं
आपका लग्न सिंह है।आपके लग्न के स्वामी सूर्य, पंचम भाव में शनि और बुध के साथ स्थित हैं।
आपकी कुंडली में विवाह के योग ?
आपका वैवाहिक जीवन कैसा होगा ?
आपकी जन्म पत्रिका के सप्तम भाव के स्वामी शनि अस्त हैं, सप्तम भाव में राहु की स्थिति वैवाहिक जीवन के लिए बहुत शुभ नहीं कही जा सकती। आपका वैवाहिक जीवन सामान्य रहेगा, आपको कुछ समझौते भी जीवन में अपनत्व और सौहार्द बनाए रखने के लिए करने पड़ सकते हैं।
आपकी कुंडली में जो सकारात्मक स्थिति है वह आपके पंचम भाव के स्वामी तथा विवाह के नैसर्गिक कारक बृहस्पति की अच्छी स्थिति, तथा नवांश कुंडली में पंचम भाव के स्वामी शनि का स्वयं के स्थान को देखना, आपके हित में रहेगा और अन्य ग्रहों के प्रभाव को किसी हद तक देगा। आपके जीवन के सभी क्षेत्रों में लाभ की स्थिति जो ग्रह प्रभावित कर रहे हैं वह आपके भाग्य भाव के स्वामी की अष्टम भाव में स्थिति है। आपके भाग्य में अवरोध समय-समय पर बने रहते हैंं अतः उन्हें यह ध्यान रखें कि भगवान श्री हनुमानजी की उपासना जीवन पर्यंत करें।
आपके जीवनसाथी का सौंदर्य और स्वभाव
आपके जीवनसाथी का स्वभाव
आपके भावी जीवनसाथी आपकी भावनाओं की परवाह करने वाले होंगे और वे आपसे दूर रहना पसंद नहीं करेंगे। रिश्ते में खुशी के लिए, व रिश्ते को सौहार्दपूर्ण बनाए रखने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।उनकी प्रवृति दार्शनिक हो सकती है,आपको उन्हें समझाना होगा, भावनाओं और जीवन के दर्शन के बीच में अंतर होता है।
आपके जीवनसाथी का सौंदर्य
आपके भावी जीवनसाथी दिखने में सुंदर, कद-काठी में पतला होंगे।उनका लंबा चेहरा, काली आँखें, चौड़ा माथा होगा। उनका रंग थोड़ा सांवला होगा और आपके तथा आपके भावी साथी के बीच उम्र का अंतर होगा। उनके कार्य का क्षेत्र सरकारी निकायों के कानून-व्यवस्था विभाग से हो सकता है।
अरेंज मैरिज या लव मैरिज
लव मैरिज हां
आपके सप्तम भाव के स्वामी की पंचम भाव में स्थिति आपके प्रेम संबंध और प्रेम विवाह की संभावना का संकेत देती है अथवा आपका विवाह आपके परिवार के किसी निकट संबंधी के माध्यम से जानकार परिवार में हो सकता है।
विवाह का अपेक्षित समय
आपके विवाह का संभावित समय11नवंबर 2024 और 28 अप्रैल 2024 हो सकता है । एक क्षीण सी संभावना यह भी है कि आपका विवाह 23 अप्रैल 2024 से 17 अगस्त 2024 के बीच भी तय हो जाए। आप मांगलिक हैं अतः आपको अपनी और अपने भावी जीवन साथी की जन्मपत्रिका का विवाह से पूर्व मिलान अवश्य कर लेना चाहिए, ध्यान रखें कि आपके भावी साथी भी मांगलिक ही हों।
रत्न संबंधी उपाय
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रत्न की ऊर्जा
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, कि एक रत्न शक्तिहीन होता है, जब तक कि वह सही तरीके से सक्रिय न हो। इससे पहले कि आप इसे पहन सकें, रत्न को शुद्ध करने और सभी अशुद्धियों से मुक्त करने की आवश्यकता होती है।
लेकिन, आपको प्रक्रिया और अनुष्ठानों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, जैसा कि, हमने गणेशस्पीक्स.कॉम पर आपके लिए विशेष रूप से एक रत्न को शुद्ध करने, सक्रिय करने और आकर्षित बनाने के लिए एक पारंपरिक और प्रामाणिक विधि विकसित की है! यह हमारे गहन शोध तथा वेदों और संबंधित ज्योतिष शास्त्रों की समझ पर आधारित है।
इसलिए, आप जो रत्न मंगवाते हैं, वह पहनने के लिए तैयार होता है!
आपके लिए पूजा:
इसके अलावा, हम आपको हमारी मंगल ग्रह पूजा सेवा का लाभ उठाने की भी सलाह दे रहे हैं, जो मंगल ग्रह की ऊर्जा को संतुलित करने के लिए आवश्यक है।
परिचय
मंगल हमारी ताकत, साहस और आक्रामकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह शरीर के उन पहलुओं से भी संबंधित है जो ऊर्जा, शक्ति और रक्षा के लिए जरूरी है। स्थिर और स्थायी संबंध के लिए मंगल का अच्छा स्थान बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए कुंडली मिलान करते समय जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि कुंडली में मांगलिक दोष रिश्तों में बाधा उत्पन्न कर सकता है। मंगल पूजा आपकी कुंडली में मंगल के बुरे प्रभावों को दूर करने में आपकी मदद कर सकती है।
यह काम किस प्रकार करता है ?
मंगल पूजा के दौरान पारंपरिक मंगल (कुजा) मंत्रों का 10000 बार पाठ षोडशोपचार चरणों के साथ किया जाता है। पूजा में होमा (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है जिसमें घी, तिल, जौ और भगवान मंगल से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री 1000 मंगल (कुज्जा पूजा) मंत्रों का पाठ करते हुए अग्नि को समर्पित की जाएगी। हमारी कुंडली में ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त यानी मंगलवार को या मंगल नक्षत्र के दिन की जाएगी। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए गणेशास्पीक्स एक आचार्य के नेतृत्व में 4 पुजारियों की एक टीम नियुक्त करेगा जो वैदिक अनुष्ठानों को पूरी शास्त्रोक्त विधि से पूरी करेंगे।
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लाभ
- मंगल दोष (कुजा दोष) के प्रभाव को कम करना
- रिश्ते और वैवाहिक जीवन के मुद्दों पर नियंत्रण पाने के लिए
- वित्तीय स्वतंत्रता और ऋण से बाहर निकालने के लिए महत्वपूर्ण
- अपने गुस्से को नियंत्रित करने और सही दिशा में ऊर्जा को चैनलाइज करने के लिए
- रक्त और त्वचा से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति दिलाती है।
- आपके कुंडली में मंगल के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाता है
- धन और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।
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आचार्या अन्वेषी
Birth Particulars | |
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Gender Female | Latitude 32N44 |
Birth Date 01 Jan 2012 | Longitude 74E52 |
Birth Day Friday | Lagna Leo-17:1:42 |
Birth Time 22:50 hrs | Aynamsh 23:41:57 |
Birth Place Jammu | Moon Sign Gemini |
Country India | Birth Nakshatra Aadra |
Timezone 0530 hrs | Nakshatra Pada 3 |
Avakhada Chakra (Your Birth Panchang) | |
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Description: The table shown here contains various astrological terms which are obtained from your own Moon's position. Hence, this table is very useful in Vedic Astrology as it shows your own personalized information. This helps the native to determine the compatibility with others. | |
Birth Yog Brahm | Birth Vasya Manav |
Birth Karan Balav | Birth Yoni Swan |
Birth Varga Manjar | Birth Gana Manushya |
Birth Varna Kshudra | Birth Yunja Madhya |
Birth Tatva Vayu | Birth Nadi Adhya |
Ghaat Chakra | |
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Description: As the name suggests, Ghaat literally means negative or inauspicious. This table shows your personalized negative phenomenon of Panchang in which you should take extra care and precaution. Plus, the suggested day, tithi, month, nakshatra etc... should also be avoided to initiate any new or auspicious work. | |
Month Asadha | Tithi Krishnapratipada |
Day Monday | Nakshatra Swati |
Yog Paridh | Karan Chatuspad |
Prahar Forth | MaleMoon Aquarius |
FemaleMoon Sagittarius |
Grah | Rashi-Ansh | Nakshatra-Pad | Ra Swa | Na Swa | Awastha |
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Lagna | Leo- 17:1:42 | Purvafalguni -2 | Sun | Venus | Yuva |
Sun | Sagittarius- 08:25:06 | Mool -3 | Jupiter | Ketu | Kumar |
Moon | Gemini- 14:24:29 | Aadra -3 | Mercury | Rahu | Yuva |
Mars | Pisces- 22:24:59 | Revati -2 | Jupiter | Mercury | Kumar |
Mercury | Sagittarius- 20:52:39-C | Purvashadha -3 | Jupiter | Venus | Vruddha |
Jupiter | Taurus- 03:40:26 | Krutika -3 | Venus | Sun | Mruta |
Venus | Scorpio- 13:45:13 | Anuradha -4 | Mars | Saturn | Yuva |
Saturn | Sagittarius- 10:55:06-C | Mool -4 | Jupiter | Ketu | Kumar |
Rahu | Aquarius- 14:33:13 | Satbhisha -3 | Saturn | Rahu | Yuva |
Ketu | Leo- 14:33:13 | Purvafalguni -1 | Sun | Venus | Yuva |
Harshal | Sagittarius- 07:33:13-C | Mool -3 | Jupiter | Ketu | Kumar |
Neptune | Sagittarius- 15:54:29 | Purvashadha -1 | Jupiter | Venus | Yuva |
Pluto | Libra- 20:37:29 | Vishakha -1 | Venus | Jupiter | Vruddha |
Moon Chart
Navamsha
Rahu (18y) Age -10
- Antar
- Begining
- Ending
Rahu | 21 Jul 1978 | 31 Mar 1981 |
Jupiter | 31 Mar 1981 | 23 Aug 1983 |
Saturn | 23 Aug 1983 | 27 Jun 1986 |
Mercury | 27 Jun 1986 | 12 Jan 1989 |
Ketu | 12 Jan 1989 | 30 Jan 1990 |
Venus | 30 Jan 1990 | 28 Jan 1993 |
Sun | 28 Jan 1993 | 22 Dec 1993 |
Moon | 22 Dec 1993 | 22 Jun 1995 |
Mars | 22 Jun 1995 | 09 Jul 1996 |
Jupiter (16y) Age 7
- Antar
- Begining
- Ending
Jupiter | 09 Jul 1996 | 26 Aug 1998 |
Saturn | 26 Aug 1998 | 07 Mar 2001 |
Mercury | 07 Mar 2001 | 12 Jun 2003 |
Ketu | 12 Jun 2003 | 18 May 2004 |
Venus | 18 May 2004 | 15 Jan 2007 |
Sun | 15 Jan 2007 | 03 Nov 2007 |
Moon | 03 Nov 2007 | 03 Mar 2009 |
Mars | 03 Mar 2009 | 07 Feb 2010 |
Rahu | 07 Feb 2010 | 01 Jul 2012 |
Saturn (19y) Age 23
- Antar
- Begining
- Ending
Saturn | 01 Jul 2012 | 03 Jul 2015 |
Mercury | 03 Jul 2015 | 10 Mar 2018 |
Ketu | 10 Mar 2018 | 18 Apr 2019 |
Venus | 18 Apr 2019 | 16 Jun 2022 |
Sun | 16 Jun 2022 | 29 May 2024 |
Moon | 29 May 2024 | 27 Dec 2024 |
Mars | 27 Dec 2024 | 04 Feb 2026 |
Rahu | 04 Feb 2026 | 09 Dec 2028 |
Jupiter | 09 Dec 2028 | 21 Jun 2031 |
Mercury (17y) Age 42
- Antar
- Begining
- Ending
Mercury | 21 Jun 2031 | 15 Nov 2033 |
Ketu | 15 Nov 2033 | 12 Nov 2034 |
Venus | 12 Nov 2034 | 10 Sep 2037 |
Sun | 10 Sep 2037 | 17 Jul 2038 |
Moon | 17 Jul 2038 | 16 Dec 2039 |
Mars | 16 Dec 2039 | 12 Dec 2040 |
Rahu | 12 Dec 2040 | 30 Jun 2043 |
Jupiter | 30 Jun 2043 | 04 Oct 2045 |
Saturn | 04 Oct 2045 | 11 Jun 2048 |
Ketu (7y) Age 59
- Antar
- Begining
- Ending
Ketu | 11 Jun 2048 | 07 Nov 2048 |
Venus | 07 Nov 2048 | 07 Jan 2050 |
Sun | 07 Jan 2050 | 15 May 2050 |
Moon | 15 May 2050 | 14 Dec 2050 |
Mars | 14 Dec 2050 | 12 May 2051 |
Rahu | 12 May 2051 | 29 May 2052 |
Jupiter | 29 May 2052 | 05 May 2053 |
Saturn | 05 May 2053 | 13 Jun 2054 |
Mercury | 13 Jun 2054 | 10 Jun 2055 |
Venus (20y) Age 66
- Antar
- Begining
- Ending
Venus | 10 Jun 2055 | 07 Oct 2058 |
Sun | 07 Oct 2058 | 07 Oct 2059 |
Moon | 07 Oct 2059 | 06 Jun 2061 |
Mars | 06 Jun 2061 | 06 Aug 2062 |
Rahu | 06 Aug 2062 | 04 Aug 2065 |
Jupiter | 04 Aug 2065 | 02 Apr 2068 |
Saturn | 02 Apr 2068 | 01 Jun 2071 |
Mercury | 01 Jun 2071 | 30 Mar 2074 |
Ketu | 30 Mar 2074 | 30 May 2075 |
Sun (6y) Age 86
- Antar
- Begining
- Ending
Sun | 30 May 2075 | 17 Sep 2075 |
Moon | 17 Sep 2075 | 18 Mar 2076 |
Mars | 18 Mar 2076 | 24 Jul 2076 |
Rahu | 24 Jul 2076 | 17 Jun 2077 |
Jupiter | 17 Jun 2077 | 05 Apr 2078 |
Saturn | 05 Apr 2078 | 18 Mar 2079 |
Mercury | 18 Mar 2079 | 22 Jan 2080 |
Ketu | 22 Jan 2080 | 29 May 2080 |
Venus | 29 May 2080 | 29 May 2081 |
Moon (10y) Age 92
- Antar
- Begining
- Ending
Moon | 29 May 2081 | 29 Mar 2082 |
Mars | 29 Mar 2082 | 28 Oct 2082 |
Rahu | 28 Oct 2082 | 27 Apr 2084 |
Jupiter | 27 Apr 2084 | 26 Aug 2085 |
Saturn | 26 Aug 2085 | 27 Mar 2087 |
Mercury | 27 Mar 2087 | 25 Aug 2088 |
Ketu | 25 Aug 2088 | 26 Mar 2089 |
Venus | 26 Mar 2089 | 24 Nov 2090 |
Sun | 24 Nov 2090 | 26 May 2091 |
Mars (7y) Age 102
- Antar
- Begining
- Ending
Mars | 26 May 2091 | 22 Oct 2091 |
Rahu | 22 Oct 2091 | 08 Nov 2092 |
Jupiter | 08 Nov 2092 | 15 Oct 2093 |
Saturn | 15 Oct 2093 | 23 Nov 2094 |
Mercury | 23 Nov 2094 | 20 Nov 2095 |
Ketu | 20 Nov 2095 | 17 Apr 2096 |
Venus | 17 Apr 2096 | 17 Jun 2097 |
Sun | 17 Jun 2097 | 23 Oct 2097 |
Moon | 23 Oct 2097 | 24 May 2098 |