लव लाइफ
रिपोर्ट
२०२५
देवदत्त
2012-01-01 17:30
Belagavi,Belgaum,Karnataka,India
सूची
सूची | शीर्षक |
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1 | आपके प्रश्न का उत्तर |
2 | प्रेम जीवन भविष्यवाणी |
3 | व्यक्तिगत उपाय |
4 | जन्म विवरण |
A. कुंडली विवरण | |
B. लग्न कुंडली | |
C. चंद्र कुंडली | |
D. नवमांश कुंडली | |
E. विमशोत्तरी महा दशा & अंतर दशा समय |
आपके प्रश्न का उत्तर
प्रिय देवदत्त, आपके प्रश्न के उत्तर में बताना चाहूंगी आपकी जन्म पत्रिका में प्रेम विवाह के तो योग हैं परंतु, यह आपकी मित्र से होगा जिसे आप वर्तमान में चाहते हैं इसकी संभावना थोड़ी कम दिखाई देती है। इसके अतिरिक्त आपकी मित्र से विवाह होना इस बात पर निर्भर करता है कि उनकी जन्म पत्रिका ने ग्रह स्थिति क्या है, और उसके परिणाम कैसे होंगे। जहां तक उनके पुराने तजुर्बा की बातें वह भी उनकी जन्मपत्रिका के आधार पर ही बताया जा सकता है। आपको 23 अप्रैल 2025 के बाद कुछ सकारात्मक संकेत उनके ओर से मिल सकते हैं अतः आपको उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। यदि उनकी ओर से आपको संकेत नहीं मिलता है तो आपको 23 अप्रैल 2025 के बाद पुनः प्रयास करना चाहिए संभव है कि आपके प्रयासों की सफलता अक्टूबर तक आपके पक्ष में हो जाए।
आपके जन्मपत्रिका के सप्तम भाव के स्वामी पंचम भाव में राहु के साथ-साथ हैं जो कि आपके विजातीय विवाह के संकेत देते हैं। इसके अतिरिक्त आपके पंचम भाव के स्वामी जोकि प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं वे शनि हैं, जो कि डेरी के कारक हैं और अपने ही भाव को देख रहे हैं, यह भी एक सकारात्मक संकेत हो सकता है कि आपको लाभ मिल जाए। आपको अपने वैवाहिक जीवन को आरंभ करने के लिए और उसमें प्रेम और सौहार्द बनाए रखने के लिए भगवान श्री विष्णु और शिव जी की आराधना करनी चाहिए।
प्रेम जीवन भविष्यवाणी
मार्च - जून 25
वर्तमान में आपकी जन्म पत्रिका यह संकेत दे रही है कि इस अवधि में जो भी आपके जीवनसाथी के अतिरिक्त मित्र हैं- उनसे आप आपके समान व्यवहार की और कुछ भावनात्मक सपोर्ट की अपेक्षा अप्रैल 2025 तक कर सकते हैं। 23 अप्रैल 2025 से 19 जून 2025 तक का समय आपके प्रेम संबंधों के लिए तथा व्यक्तिगत जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, जब एक ओर आपको अपने मित्र से सहयोग या सकारात्मक उत्तर का आश्वासन मिल सकता है तो दूसरी ओर आपके मन में बेवजह डर और संदेह की भावना अक्टूबर 2025 तक बनी रहेगी। आपको प्रेम के मामले में स्वयं को भाग्य से कम नहीं समझना चाहिए। आपकी जन्मपत्रिका के सप्तम भाव के स्वामी पंचम भाव में राहु के साथ स्थित हैं और नवांश कुंडली में आपके सप्तम भाव के स्वामी मंगल अपनी उच्च राशि में स्थित हैं, यह एक अच्छी स्थिति है जो व्यक्तिगत जीवन में आने वाले समय में सामंजस्य के संकेत देती है । यह इस बात का संकेत है आपका जो भी संबंध है- उसका संबंध आपके पूर्व जन्म से भी किसी न किसी रूप में अवश्य है। पुनः आपको याद दिला दूं कि भगवान शंकर की पूजा आपको नहीं छोड़नी चाहिए,यह आपके प्रेम संबंधों को बनाए रखने में तथा व्यक्तिगत जीवन में भी मानसिक शांति बनाए रखने में मदद करेगी।
जुलाई - दिसंबर 25
यह समय आपके व्यक्तिगत जीवन के लिए बहुत अनुकूल है, जब आपके लग्न के स्वामी शुक्र की प्रत्यंतर दशा और भाग्य के स्वामी बुध की महा दशा का प्रभाव आपके जीवन परवर्ष के अंत तक बना रहेगा। गोचर में सप्तम भाव से राहु का गोचर आपके व्यक्तिगत संबंधों में वैचारिक मतभेद अवश्य लाएगा, परंतु आपका नुकसान दिखाई नहीं देता बल्कि ऐसी संभावना है कि आप उस पर अपने आप को मानसिक रूप से अधिक शांत पाएंगे और कोई महत्वपूर्ण निर्णय अपने जीवन का ले सकते हैं।
आपकी जन्म पत्रिका इस बात का भी संकेत देती है कि आपके जीवन साथी आपसे बहुत अधिक जुड़ाव रखेंगी यद्यपि वैचारिक मतभेद भी बराबर ही बनाए रखते हैं। अतः आप जो भी निर्णय ले वह एक सुलझा हुआ और एक प्रैक्टिकल होना चाहिए। केवल भावनाओं के आधार पर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। अक्टूबर 2025 तक का समय आपको बहुत सावधानी से निकालना है, जब आपको अपने मित्र से अपने संबंधों को भी संभाल कर रखना होगा।
आपकी जन्मपत्रिका संकेत देती है कि आप हमेशा अपने आप को दुविधा में पाते हैं। अपने जीवन में लाभ लेने के लिए अपने विचारों में स्थिर रहने की कोशिश करें। इस समय आपको अपने स्वभाव के इस पक्ष पर विशेष ध्यान देना चाहिए, और यथासंभव प्रयास करने चाहिएं। आपको किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए धैर्य, दृढ़ संकल्प, आशावादिता और निरंतरता बनाए रखने का आशीर्वाद प्राप्त है।इस गुण को निखारिए और आगे बढ़ें।
आपकी भावी जीवन संगिनी आशावादी होंगी और वे आपके लिए कुछ न कुछ करने की कोशिश करेंगी और आप उसके लिए कुछ नया करने को भी तैयार रहेंगे। वे दृढ़ इच्छा शक्ति रखने वाली होंगी और वे आपकी इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगी । लेकिन, इसके विपरीत वे तेजी से निर्णय लेने वाली होंगी और आप उनकी अपेक्षा थोड़ा देरी से, जिस कारण कभी-कभी उस समय के विचारों और समझ में मतभेद रह सकते हैं।
व्यक्तिगत उपाय
प्राथमिक समाधान: आपके लिए सर्वाधिक आदर्श रत्न
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रत्न की ऊर्जा
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, कि एक रत्न शक्तिहीन होता है, जब तक कि वह सही तरीके से सक्रिय न हो। इससे पहले कि आप इसे पहन सकें, रत्न को शुद्ध करने और सभी अशुद्धियों से मुक्त करने की आवश्यकता होती है।
लेकिन, आपको प्रक्रिया और अनुष्ठानों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, जैसा कि, हमने गणेशस्पीक्स.कॉम पर आपके लिए विशेष रूप से एक रत्न को शुद्ध करने, सक्रिय करने और आकर्षित बनाने के लिए एक पारंपरिक और प्रामाणिक विधि विकसित की है! यह हमारे गहन शोध तथा वेदों और संबंधित ज्योतिष शास्त्रों की समझ पर आधारित है।
इसलिए, आप जो रत्न मंगवाते हैं, वह पहनने के लिए तैयार होता है!
आपके लिए पूजा:
इसके अलावा, हम आपको हमारे मंगल-राहु अंगारक दोष निवारण पूजा सेवा का लाभ उठाने की भी सलाह देते हैं, जो मंगल - राहु अंगारक दोष के प्रभाव को शांत करने के लिए आवश्यक है।
परिचय
उग्र ग्रह मंगल साहस, जीवन शक्ति, आक्रामकता से संबंधित है, जबकि राहु एक रहस्यमय ग्रह है, जो जीवन के अंधेरे क्षेत्रों और नकारात्मक ऊर्जाओं को महत्व देता है। इस संयोजन के कारण जब मंगल की शक्तिशाली और प्रचुर ऊर्जा राहु के नकारात्मक प्रभाव में आती है, तो इसके परिणामस्वरूप एक हिंसक स्वभाव, तर्कशील प्रकृति, लोगों के साथ मतभेद और अत्यधिक आक्रामकता पैदा होती है। आप चीजों के साथ शांति से नहीं रह सकते हैं और यहां तक कि अगर आप बहुत कठिनाई के बाद भी ऐसा करने का मैनेज करते हैं, तो आपके आसपास कुछ घटना ऐसी घट जाती है, जो आपको बेहद उत्तेजित कर सकती है। इसके अलावा मंगल के सकारात्मक प्रभाव भी राहु के संयोजन के कारण विपरीत असर देने का काम करेंगे।
यह काम किस प्रकार करता है ?
मंगल राहु अंगारक दोष निवारण पूजा में कलश की पूजा और अन्य पांच महत्वपूर्ण देवताओं, अर्थात् गणेश, शिव, मातृका, नवग्रह, और प्रधान - देवता शामिल हैं। पूजा में मंगल (10,000 बार) और राहु (18,000 बार) बीज मंत्र का जाप व पाठ शामिल है। फिर होम (हवन) का अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें घी, सीसम, जौ और भगवान मंगल और राहु से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री को अग्नि को अर्पित किया जाएगा, जबकि मंगल के 1,000 मंत्रों और राहु के 1,800 मंत्रों का पाठ किया जाएगा। यज्ञ व होम आपके चार्ट में अंगारक दोष के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त में की जाएगी यानी राहु या मंगल के नक्षत्र में और मंगलवार या बुधवार को। मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए, गणेशास्पीक्स एक आचार्य के नेतृत्व में 4 पुजारियों की एक टीम नियुक्त करेगा जो वैदिक अनुष्ठान को शास्त्रानुसार पूरा करेंगे।
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लाभ
- अंगारक दोष के नकारात्मक प्रभाव को दूर करे
- अपने गुस्से को प्रबंधित करें और शांत रहने में मदद करे
- असहयोगात्मक रवैये से दूर रहेंगे और पारिवारिक विवादों में पड़ने से बचाएगा
- अपने रिश्ते को नष्ट होने से बचाएं और प्रियजनों से अलग होने से बचाएगा
- मन की स्पष्टता प्राप्त करें और प्रभावी निर्णय लेने की सहायता करेगा
- अपने मानसिक ध्यान में सुधार करें।
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आचार्या अन्वेषी
Birth Particulars | |
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Gender Male | Latitude 15N52 |
Birth Date 01 Jan 2012 | Longitude 74E31 |
Birth Day Sunday | Lagna Libra-25:22:19 |
Birth Time 17:30 hrs | Aynamsh 23:41:28 |
Birth Place Belagavi | Moon Sign Libra |
Country India | Birth Nakshatra Vishakha |
Timezone 0530 hrs | Nakshatra Pada 1 |
Avakhada Chakra (Your Birth Panchang) | |
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Description: The table shown here contains various astrological terms which are obtained from your own Moon's position. Hence, this table is very useful in Vedic Astrology as it shows your own personalized information. This helps the native to determine the compatibility with others. | |
Birth Yog Paridh | Birth Vasya Manav |
Birth Karan Taitil | Birth Yoni Vyaghra |
Birth Varga Sarp | Birth Gana Rakshas |
Birth Varna Kshudra | Birth Yunja Madhya |
Birth Tatva Vayu | Birth Nadi Antya |
Ghaat Chakra | |
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Description: As the name suggests, Ghaat literally means negative or inauspicious. This table shows your personalized negative phenomenon of Panchang in which you should take extra care and precaution. Plus, the suggested day, tithi, month, nakshatra etc... should also be avoided to initiate any new or auspicious work. | |
Month Magha | Tithi Shuklatrayodashi |
Day Thursday | Nakshatra Satbhisha |
Yog Shukla | Karan Taitil |
Prahar Forth | MaleMoon Sagittarius |
FemaleMoon Pisces |
Grah | Rashi-Ansh | Nakshatra-Pad | Ra Swa | Na Swa | Awastha |
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Lagna | Libra- 25:22:19 | Vishakha -2 | Venus | Jupiter | Mruta |
Sun | Taurus- 14:38:02 | Rohini -2 | Venus | Moon | Yuva |
Moon | Libra- 20:16:32 | Vishakha -1 | Venus | Jupiter | Vruddha |
Mars | Aquarius- 10:51:32 | Satbhisha -2 | Saturn | Rahu | Kumar |
Mercury | Gemini- 02:51:02 | Mrugshirsh -3 | Mercury | Mars | Balya |
Jupiter | Aries- 25:15:32 | Bharani -4 | Mars | Venus | Mruta |
Venus | Gemini- 05:47:02 | Mrugshirsh -4 | Mercury | Mars | Balya |
Saturn | Sagittarius- 07:07:02 | Mool -3 | Jupiter | Ketu | Kumar |
Rahu | Aquarius- 25:33:32 | Purvabhadrapad -2 | Saturn | Jupiter | Mruta |
Ketu | Leo- 25:33:32 | Purvafalguni -4 | Sun | Venus | Mruta |
Harshal | Sagittarius- 06:13:02 | Mool -2 | Jupiter | Ketu | Kumar |
Neptune | Sagittarius- 15:56:02 | Purvashadha -1 | Jupiter | Venus | Yuva |
Pluto | Libra- 16:45:02 | Swati -4 | Venus | Rahu | Yuva |
Moon Chart
Navamsha
Jupiter (16y) Age 0
- Antar
- Begining
- Ending
Jupiter | 30 Jan 1988 | 18 Mar 1990 |
Saturn | 18 Mar 1990 | 27 Sep 1992 |
Mercury | 27 Sep 1992 | 02 Jan 1995 |
Ketu | 02 Jan 1995 | 09 Dec 1995 |
Venus | 09 Dec 1995 | 07 Aug 1998 |
Sun | 07 Aug 1998 | 26 May 1999 |
Moon | 26 May 1999 | 23 Sep 2000 |
Mars | 23 Sep 2000 | 30 Aug 2001 |
Rahu | 30 Aug 2001 | 22 Jan 2004 |
Saturn (19y) Age 15
- Antar
- Begining
- Ending
Saturn | 22 Jan 2004 | 23 Jan 2007 |
Mercury | 23 Jan 2007 | 30 Sep 2009 |
Ketu | 30 Sep 2009 | 08 Nov 2010 |
Venus | 08 Nov 2010 | 06 Jan 2014 |
Sun | 06 Jan 2014 | 19 Dec 2014 |
Moon | 19 Dec 2014 | 19 Jul 2016 |
Mars | 19 Jul 2016 | 27 Aug 2017 |
Rahu | 27 Aug 2017 | 01 Jul 2020 |
Jupiter | 01 Jul 2020 | 11 Jan 2024 |
Mercury (17y) Age 34
- Antar
- Begining
- Ending
Mercury | 11 Jan 2024 | 07 Jun 2025 |
Ketu | 07 Jun 2025 | 04 Jun 2026 |
Venus | 04 Jun 2026 | 02 Apr 2029 |
Sun | 02 Apr 2029 | 06 Feb 2030 |
Moon | 06 Feb 2030 | 08 Jul 2031 |
Mars | 08 Jul 2031 | 04 Jul 2032 |
Rahu | 04 Jul 2032 | 20 Jan 2035 |
Jupiter | 20 Jan 2035 | 26 Apr 2037 |
Saturn | 26 Apr 2037 | 02 Jan 2040 |
Ketu (7y) Age 51
- Antar
- Begining
- Ending
Ketu | 02 Jan 2040 | 30 May 2040 |
Venus | 30 May 2040 | 30 Jul 2041 |
Sun | 30 Jul 2041 | 05 Dec 2041 |
Moon | 05 Dec 2041 | 06 Jul 2042 |
Mars | 06 Jul 2042 | 02 Dec 2042 |
Rahu | 02 Dec 2042 | 20 Dec 2043 |
Jupiter | 20 Dec 2043 | 25 Nov 2044 |
Saturn | 25 Nov 2044 | 03 Jan 2046 |
Mercury | 03 Jan 2046 | 31 Dec 2046 |
Venus (20y) Age 58
- Antar
- Begining
- Ending
Venus | 31 Dec 2046 | 29 Apr 2050 |
Sun | 29 Apr 2050 | 29 Apr 2051 |
Moon | 29 Apr 2051 | 27 Dec 2052 |
Mars | 27 Dec 2052 | 26 Feb 2054 |
Rahu | 26 Feb 2054 | 24 Feb 2057 |
Jupiter | 24 Feb 2057 | 24 Oct 2059 |
Saturn | 24 Oct 2059 | 22 Dec 2062 |
Mercury | 22 Dec 2062 | 20 Oct 2065 |
Ketu | 20 Oct 2065 | 20 Dec 2066 |
Sun (6y) Age 78
- Antar
- Begining
- Ending
Sun | 20 Dec 2066 | 09 Apr 2067 |
Moon | 09 Apr 2067 | 09 Oct 2067 |
Mars | 09 Oct 2067 | 14 Feb 2068 |
Rahu | 14 Feb 2068 | 07 Jan 2069 |
Jupiter | 07 Jan 2069 | 26 Oct 2069 |
Saturn | 26 Oct 2069 | 08 Oct 2070 |
Mercury | 08 Oct 2070 | 14 Aug 2071 |
Ketu | 14 Aug 2071 | 20 Dec 2071 |
Venus | 20 Dec 2071 | 19 Dec 2072 |
Moon (10y) Age 84
- Antar
- Begining
- Ending
Moon | 19 Dec 2072 | 19 Oct 2073 |
Mars | 19 Oct 2073 | 20 May 2074 |
Rahu | 20 May 2074 | 18 Nov 2075 |
Jupiter | 18 Nov 2075 | 18 Mar 2077 |
Saturn | 18 Mar 2077 | 17 Oct 2078 |
Mercury | 17 Oct 2078 | 17 Mar 2080 |
Ketu | 17 Mar 2080 | 16 Oct 2080 |
Venus | 16 Oct 2080 | 16 Jun 2082 |
Sun | 16 Jun 2082 | 16 Dec 2082 |
Mars (7y) Age 94
- Antar
- Begining
- Ending
Mars | 16 Dec 2082 | 14 May 2083 |
Rahu | 14 May 2083 | 31 May 2084 |
Jupiter | 31 May 2084 | 07 May 2085 |
Saturn | 07 May 2085 | 15 Jun 2086 |
Mercury | 15 Jun 2086 | 12 Jun 2087 |
Ketu | 12 Jun 2087 | 08 Nov 2087 |
Venus | 08 Nov 2087 | 07 Jan 2089 |
Sun | 07 Jan 2089 | 15 May 2089 |
Moon | 15 May 2089 | 14 Dec 2089 |
Rahu (18y) Age 101
- Antar
- Begining
- Ending
Rahu | 14 Dec 2089 | 24 Aug 2092 |
Jupiter | 24 Aug 2092 | 16 Jan 2095 |
Saturn | 16 Jan 2095 | 20 Nov 2097 |
Mercury | 20 Nov 2097 | 08 Jun 2100 |
Ketu | 08 Jun 2100 | 26 Jun 2101 |
Venus | 26 Jun 2101 | 24 Jun 2104 |
Sun | 24 Jun 2104 | 18 May 2105 |
Moon | 18 May 2105 | 16 Nov 2106 |
Mars | 16 Nov 2106 | 04 Dec 2107 |